तुम्हें लिखे
हमने
खूब सारे पत्र
उतने जितने
चाहते थे तुम्हें
रोज लिखते थे
एक चिट्ठी तुम्हारे नाम
प्रेम के गीत गाते
लाल पीले
गुलाबी हरे
कागजों में
मोती से उकेड़
प्यार को शब्दों में
शायद न मिले हों
ये पत्र तुम्हें
क्योंकि
कभी
डाला ही नहीं
लेटर बॉक्स में
दिल की
रेशमी रुमाल में
लिपटे ये
पत्र
आज भी
तुझे
पुकार रहे हैं !
??
©डॉ. शंभु कुमार सिंह
9 मई ,2020
पटना
तस्वीर : अनुप्रिया । अनुप्रिया नई पीढ़ी की एक प्रतिभाशाली चित्रकार हैं जिनकी मनोरम चित्र शैली बहुत ही संप्रेषणीय है। अनुप्रिया की कृतियों में हम स्त्री भावों के विभिन्न रूप पाते हैं ।