हल्दी अभी पूर्णिया खेती पर गया था। वहां हमने हल्दी की खेती की हुई…
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Nature
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अचार पर विचार हम गंवई लोग हैं। सीधा साधा । आचार-व्यवहार पर बहुत विचार…
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अथ खैनी कथा गाँव में खूब खैनी खायी जाती है । क्या मर्द ,क्या…
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मूंग बचपन से ही मूंग की खेती होते देखता आ रहा हूँ। हमारे यहां…
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जंगल जलेबी उर्फ गंगा इमली मेरे पूर्णिया वाले गाँव में जंगल जलेबी के बहुत…
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यह है स्नेक प्लांट ! इसे “mother in law’s tongue” भी कहते हैं ।…
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तू कहता कागद की लिखी मैं कहता आँखन की देखी ! कल्ह शाम कबीर…
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मेरी दादी रोज सुबह नहा कर सूर्य नारायण को जल अर्पित करती थी ।…
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गिलहरी और उसके बच्चे ! गिलहरी बड़ी प्यारी सी होती है। फुदकती ,फलों को…
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