छोटी सी जिंदगी
छोटे छोटे सपने,
आओ अंजुरी में बांध लें
प्रीत अपने अपने !
लंबी लंबी आहें
लंबी लंबी रातें,
याद आती रही तेरी
मीठी मीठी बातें !
बूंद बूंद आँसू
मंद मंद मुस्कान,
आज जिंदगी लग रही
बिलकुल अनजान !
खोया खोया चांद
सहमी सहमी कूक,
रुक रुक बढ़ रही
हृदय की हूक !
व्याकुल आंखें
आतुर होठ,
कोई ताक रही
दरवाजे की ओट !
सननन सननन बह रही
पुरवैया बयार ,
कोई नहीं सुन रही
दिल की पुकार !
नहीं भूल पाओगी
सनम मुझे आप,
जलाता रहेगा तुझे
मेरे प्यार का ताप!
©डॉ. शंभु कुमार सिंह
पटना ,12 जून, 20