प्यार में लड़कियां
प्यार में लड़कियां
अंधी होती हैं
उन्हें कुछ भी
दिखाई नहीं देता
वो केवल दिल
देखती हैं
लड़के भी होते हैं
प्यार में अंधे
पर वे आंखों को
खुली रखते हैं
दिल से
ज्यादा
देह पर
नजर गड़ाए
होते हैं
प्यार में लड़कियां
लुट जाना
पसंद करती हैं
लड़के बस
लूटना
मजा लूटना
प्यार में लड़कियां
टूट जाती हैं
लगा जाती हैं
छलांग
उफनती नदी में
और लड़के
ले कश्ती
नदी में
फेंकता है फिर
नया जाल
शायद इस बार
फंसे कोई
बड़ी मछली !
??
(इस कविता का उद्देश्य यह कहना नहीं कि लड़कियां ही प्यार करती हैं और लड़के माल की तिजारत? दरअसल जिस तरह हम आज देख रहे हैं,लड़किया ही अंततः ठगी जाती हैं। हालांकि लड़के जो प्यार करते हैं वो जान से भी ज्यादा करते हैं, पर ऐसे बहुत कम होते हैं, इसी को समझना यह कविता है!)
?
©डॉ. शंभु कुमार सिंह
30 दिसम्बर,20
पटना