एक उदास लड़की और गुलमोहर के फूल !
कचरे कबाड़ चुनती
लड़कियां भी
हो जाती हैं जवान
बिखरे बाल
गंदे हाथ
फटी शमीज
घिसटती चप्पल
कुत्तों से नहीं डरतीं
उन्हें हड़का
चुन लेती हैं कचरें
उसी कचरे के बीच
चुनते चुनते
उन्हें भी मिल जाती है
वह चिट्ठी
जिसमें लिखा है
“जानू, मैं मर जाऊंगा तेरे बिना “
कचरे चुनती
वह लड़की
उठा लेती है वह चिट्ठी भी
बैठी है वह
सुस्ताने इस गर्मी में
गुलमोहर के पेड़ के नीचे
पढ़ती है वो चिट्ठी
एक उदास हँसी के साथ
अचानक
टपक पड़ते हैं
फूल
बहुत सारे
गुलमोहर के
धरती पर !
डॉ. शंभु कुमार सिंह
पटना
24/05/2018