कल एक आदमी को कमीना बोल दिया था। अब क्या था कि वह लाठी ले खोज रहा था मुझे।कि मिले तो कूट दें। आखिरकार बोरिंग रोड चौराहे पर फुलवा संग चाट खाते पकड़ा गए। अब तो जान बचानी मुश्किल!
मुझे घबराए देख ,फुलवा बोली, अय्ये जिज्जा, ई मामला क्या है ? मुझे भी बताओ ! आखिर चाट मेरे ही पैसे का खा रही थी। तो फर्ज बनता था उसका! फिर गोलगप्पे पर भी नजर टिकाए हुए थी। तो वह मौका हाथ से जाने नहीं देना चाह रही थी।
उसे मैंने बताया, कि इस आदमी को मैं कमीना बोल दिया हूँ। तो मुझे सार्वजनिक रूप से अभिनंदन करने हेतु खोज रहा है और आज पकड़ ही लिया!
यह सुन फुलवा डरी नहीं । बोली ,डोंट वरी जिज्जा, मैं संभाल लेती हूँ मामला। तुरंत पांच प्लेट चाट का आर्डर की। अरे पांच ही न आर्डर करेगी ? चार तो कमीना गैंग के लिए और एक खुद फुलवा अपने लिए। फिर वह उनलोगों को बोली, आप कमीना का अर्थ समझते हैं ?
वे लोग कुछ बोलें उसके पहले ही बोल पड़ी कि जैसे हरामखोर को अंग्रेजी में नॉटी कहते हैं उसी तरह कमीना को अंग्रेजी में क्यूट कहते हैं। आप तो कितने ही क्यूट लग रहे हो !
अब तो कमीना गैंग गद गद!अभी तक चाट चट हो चुका था। फिर फुलवा उनसे पूछी कि माल भी लीजिएगा ? इतना सुनते ही कमीना गैंग लड़खड़ा गया ,हकलाते बोला ,माल ?
हाँ माल ही !
फिर फुलवा बोली ,कितना चाहिये?
वे लोग बोले, तीन!
फुलवा तुरंत तीन सिगरेट मंगा उन्हें दे दी!
अब वे लोग चकित थे!बोले यह माल है? फुलवा बोली ,हाँ ,यही तो माल है। हमलोग माल सिगरेट को ही कहते हैं! आप दीपिका की फ़िल्म नहीं देखते क्या ? और देखिये बड बीड़ी को कहते हैं! यह देखिये मैं बड लेती हूँ। फिर बीड़ी सुलगाई और मुझे बोली,चलिये जिज्जा!
मैं तो सिर पर पांव रख भागा, जान बची तो लाखों पाए!
अरे बीड़ी जलाई ले ……!
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©डॉ. शंभु कुमार सिंह
11 अक्टूबर ,20
पटना