आदमी सर्वश्रेष्ठ है
वह सर्वज्ञानी है
वह खुद को नियंता मानता है
कुछ भी कर सकता है
कुछ भी बना सकता है
कुछ भी उजाड़ सकता है
वह किसी भी बिगाड़ सकता
पर अभी इस
कोरोना संकट में
मुँह में मास्क लगाए
देखता है
खिड़की से बाहर
फुदकती
गौरैया को !
©डॉ. शंभु कुमार सिंह
6 जून,20
सुबह, पटना
मास्क में आदमी
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