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फेसबुक और मैं-3

by Dr Shambhu Kumar Singh

फेसबुक एक तरह का समाज है। समाजशास्त्र की अगली किताबों में इस पर जरूर ही चर्चा मिलेगी। मेरे पिताजी पोस्ट ग्रेजुएशन में सोशियोलॉजी विषय रखे हुए थे। बहुत सी किताबें इस पर उनके संग्रह में थी। जब मैं बड़ा हुआ तो मुझे भी उन किताबों को पढ़ने का सौभाग्य मिला। तो खूब पढ़ा। व्यक्ति,परिवार ,समाज ,यूनियन आदि आदि। ई तो जुकरबर्गवा है कि एक नया समाज का निर्माण किया सोशल मीडिया पर वह है फेसबुक। जिस पर किताब लिखने की जरूरत है।थोड़ा बहुत मैं लिखने की कोशिश किया हूँ ,कृपया आप भी पढ़ें।
अब ई फेसबुक पर किसिम किसिम के लोग हैं। कुछ को समझ पाया हूँ तो उनकी चर्चा कर देता हूँ।
1.लजालू-ऐसे लोग बेहद लजालू होते हैं। वे प्रोफ़ाइल में अपनी फोटो नहीं लगाते। क्या पता ,किसी की नजर लग जाये?
2.अगोचर-इसे शुद्ध हिंदी में बोले तो फेक पर्सन। अच्छा यह हिंदी शब्द नहीं है तो लीजिये,हिंदी में ही बताता हूँ, ये अगोचर होते हैं। स्त्री है कि पुरुष है, कि देव है कि दानव ,कि विलायती या चितकोहड़ीयन नहीं पता चलेगा? करोड़ों अरबों का माल आप पर न्योछावर करने को तैयार! तो आप भी पगला जाएं इनकी मित्रता से !
3.पर्दानशीं -ये न घूंघट में होते हैं और न बुरका में। पर पर्दा में होते हैं। लॉक लगाए होते हैं। लॉक्ड प्रोफ़ाइल से ही फिरैंड रिक्वेस्ट भेज देते हैं। अब आप या तो उनका ताला तोड़िये या टाला कीजिये। आपकी मर्जी?
4.रंगदार-ये यदा कदा धमकाते मिल जाएंगे कि लाइक ,कमेंट कर , नहीं तो …? नहीं तो क्या ? यह बात हम भी समझिए नहीं पा रहे हैं अभी तक कि आखिर वे कर क्या लेंगे?
5.ब्लॉक मार्केटियर – ब्लैक मार्केटियर नहीं ये ब्लॉक मार्केटियर होते हैं। बार बार धमकी देते हैं कि ब्लॉक कर दूंगा।
6.याचक-ये ऐसे लोग होते हैं जो आपसे जुड़ते ही अपना कोई पेज ,यूट्यूब चैनल आदि को सब्सक्राइब करने की याचना करते हैं। सर प्लीज , प्लीज सर ! अब दिल तो पसीजेगा ही न ?

  1. सज्जन लोग -इनका आपसे कोई मतलब नहीं होता। भाड़ में जाये आपका पोस्ट? ये आपको नियमित गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग, गुड नाईट यहाँ तक कि गुड नून, गुड आफ्टरनून तक नहीं छोड़ते हैं। हर पर्व त्योहार या दिवस पर आपको शुभकामना भेज देते हैं बिना ये सोचे कि गरीब का दिल के साथ मोबाइल भी छोटा है , इतना मैसेज उसे हैंग कर देगा! अब आज ही एड्स दिवस पर भी शुभकामनाएं मिली है तो क्या कहें?
    8.दिलफेंक -ऐसे लोग दिलफेंक होते हैं। दिल लिए किसी के भी फेसबुक रूम में घुस जाते हैं। इनबॉक्स में रायता फैला देते हैं ! फिर हर्षित या मूर्छित इनबॉक्स से बाहर निकलते हैं,जैसे कि मैं !
    9.टसनबाज -ऐसे लोग वो होते हैं जिनको फूंक दीजिये तो बंगाल की खाड़ी में गिरेंगे पर पोस्ट पर ही लिखेंगे कि हमसे भिड़ना नहीं ,लोग हमको देख ही बेहोश होते हैं। पर हम लोग तो इन्हें देख कर ही लोटपोट हो जाते हैं।
    10.लतखोर-इनको न आपकी प्रतिष्ठा का ख्याल है न खुद की। कहीं भी नंगई पर उतारू होते हैं। गाली गलौज से शुरू ,वही पर अंत। इनको देखते ही साष्टांग प्रणाम कर भागिए, भलाई उसी में है।
    दस के बाद बस करता हूँ। क्योंकि कथा अनंत हैं। ग्रीन टी आ गयी है ,थोड़ी पी लेता हूँ। आप तब तक इसे पढ़िए। यह तो निश्चित है कि इस लिस्ट में मेरे कोई मित्र नहीं हैं!
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    ©डॉ. शंभु कुमार सिंह
    1 दिसंबर,20
    पटना

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