अथ पति पत्नी सुबह शुभ संवाद!
अय्ये जी!
हाँ, बोलो!
बैठे ही हुए हैं न ?
हाँ, देखो ,सोफे पे! खड़ा तो इलेक्शन में होना था,नहीं हुए!
ठीके किये। आपका लहर भी नहीं था!
हाँ, अब शीत लहर का समय है!
आप क्या क्या बोलते रहते हैं,ई शीत लहर की बात कहाँ से आ गयी ?
क्यूँ, दिसम्बर में लू चलेगा क्या?
आप से बात करना मुश्किल है?
बोलो न ,क्या कहना चाहती हो?
वही तो बोलने नहीं दे रहे हैं, आप सड़ा हुआ मटरवा जो लाये थे उसका दाना छुड़ा दीजिये!
लाओ ,लाओ। पहले ही बोलना था तुमको !
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(देहाती व्यंजन गोदिला की तैयारी!)
प्रकृति मित्र
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