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मुस्कुराती बहनें

by Dr Shambhu Kumar Singh

बहनें
जाते जाते
मायके छोड़ जाती
न केवल अपनी खुश्बू
वरन
अपने दिल का एक छोटा टुकड़ा
वह टुकड़ा
न इधर का
न उधर का
रह जाता है
बस तड़पता रहता है
राखी के कच्चे धागों से
एक पक्के रिश्ते
को
मुस्कुराहट देते हुए !
?
डॉ. शंभु कुमार सिंह
पटना ,3 अगस्त, 20
(रक्षाबंधन )

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