गुडुची या गिलोय को इसके अमृततुल्य गुणों के कारण अमृता भी कहा गया है।इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती। इसके बहुत सारे लाभ है।आइए जानते हैं गिलोय के फायदे…!
रोग प्रतिरोधक क्षमता
यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी और लिवर को यह स्वस्थ रखती है।
बुखार में फायदा
बुखार में गिलोय रामबाण है। डेंगू के रोग में भी यह फायदेमंद है।।डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में भी गिलोय उपयोगी है।
मधुमेह में उपयोगी
गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।
पाचन शक्ति
गिलोय पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
तनावरोधी है गिलोय
तनाव या स्ट्रेस में गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसके सेवन से याददाश्त बेहतर होती है , मस्तिष्क की कार्यप्रणाली दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।
आंखों को स्वस्थ रखती है
इसको पलकों के ऊपर लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। गिलोय पाउडर को पानी में गर्म कर जब ठंढ़ा जो जाए तब पलकों के ऊपर लगाएं,फायदा होगा ।
दमा में उपयोगी
दमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी फायदा होगा ।
गठिया में भी उपयोगी
गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द आदि में उपयोगी है।
एनीमिया में रामबाण
खून की कमी ,रक्ताल्पता में इसका सेवन उपयोगी है
बाहर निकलेगा कान का मैल
कान का मैल बाहर नहीं आ रहा हो तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस एवं उबाल कर ठंडा कर लें और छान कर कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।
मोटापा कम करने में
गिलोय के सेवन से मोटापा कम होती है।
यौनेच्छा बढ़ाने में भी गिलोय का सेवन उपयोगी है।
यह खूबसूरती बढ़ाती है। त्वचा और बालों को स्वस्थ रखती है। इसमें एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।
प्रयोग विधि
जूस – गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। गिलोय जूस बाजार में भी उपलब्ध है।
काढ़ा- चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।
पाउडर-इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिये धूप में सूखी डंडियों को मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।
गिलोय वटी-गिलोय की गोलियां यानी वटी भी विभिन्न कम्पनियों की उपलब्ध है!
अन्य रोगों में अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से जोड़ों का गठिया की समस्या दूर होती है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।चीनी के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं।
साइड इफेक्ट्स भी हैं इसके – वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए।पांच साल से छोटे बच्चें गिलोय का प्रयोग नहीं करें ।
गिलोय को गमलों या बाड़ी में लगाया जा सकता है । नीम पर चढ़ा गिलोय बहुत गुणकारी होती है।यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है। एलोवेरा या तुलसी के साथ भी इसे लिया जा सकता है । पर हमेशा सेवन के पूर्व किसी योग्य विशेषज्ञ से सलाह या मार्गदर्शन प्राप्त कर लें । यह आलेख केवल सूचनाप्रद है ,इसमें उल्लेखित किसी भी दावों को लेखक सत्यापित नहीं करता है। खुद के विवेक से उपयोग करने का कोई भी निर्णय लें ।
©डॉ. शंभु कुमार सिंह
पटना ,1 सितंबर ,20
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