रक्षाबंधन पर विशेष
बहनें हैं तो खुशियां हैं
हँसी है
ठिठोली है
कुछ नखरें हैं
कुछ झगड़े हैं
खींच तान है
रूठना है
तो मान मनुहार है
कच्ची इमली है
फुदकती गौरैया है
खुशियों की नैया है
वो जीने की आस है
बहनें
जिंदगी की
अद्भुत मिठास है !
?
डॉ. शंभु कुमार सिंह
3 अगस्त ,20 ,पटना
(रक्षा बंधन)