Home Blog जहरीला अमृत

जहरीला अमृत

by Dr Shambhu Kumar Singh

शुद्ध दूध !

मैंने उसे कहा कि हमारे यहाँ शुद्ध दूध भी मिलता है। उसको आश्चर्य हुआ ,बोला शुद्ध दूध?मतलब आपके यहाँ अशुद्ध दूध भी मिलता है?मेरे हाँ कहने पर उसने कहा कि तुम्हारा देश अद्भुत है! लोग तो बोलते थे कि भारत में दूध की नदियां बहती है?
उसने यह भी कहा कि जब दूध अशुद्ध हो तो वह दूध नहीं जहर होता है। उसे दूध नहीं कह सकते?
मैंने कहा कि हमारे यहाँ गुंडे साधु भी होते हैं!वह बहुत घबराया!बोला ,साधु और गुंडा? या तो वह साधु है या गुंडा? वह अब बहुत डर गया था!मैंने फिर कहा कि हमारे यहाँ बुरे धर्म भी हैं। वह अबतक बहुत घबरा गया था!कहा ,धर्म तो धर्म होता है वह अच्छा या बुरा नहीं होता !जैसे अमृत अमृत होता है जहर नहीं! तो जहरीला अमृत नहीं बोल सकते!
फिर वह बोला, तब तो तुम्हारे यहाँ जगा सोया हुआ भी हो सकता है?फिर वह जोर जोर से हँसने लगा ,कहा गज्जब तुम्हारा देश है!
उसके जोर जोर से हँसने के कारण मेरी नींद टूट गयी !
मैं भी पसीने पसीने था !
©डॉ. शंभु कुमार सिंह
पटना
8 अक्टूबर,20

Related Articles