स्किन की देखभाल-2
सोरायसिस के कुछ केस स्टडी
सोरायसिस जैसा कि हम जानते हैं बिल्कुल कठिन रोग है पर ऐसा भी नहीं कि यह खत्म ही नहीं हो! इसे खानपान में सुधार ला खत्म भी किया जा सकता है। कुछ और भी तौर तरीके हैं जिन्हें अपना कर इनको कम किया जा सकता है या पूरी तरह से खत्म भी । एक प्रोटोकॉल का पालन तो करना ही होगा जो ज्यादा कठिन नहीं पर जितनी तकलीफ सोरायसिस से होती है उस हिसाब से यह परहेज और रहन सहन का परिवर्तन सहज ही लगता है। तो रोग खत्म करने हेतु पहले खुद को बदलें।
अध्ययन और प्राप्त अनुभव से पता चलता है कि सोरायसिस में अनुवांशिकता का कहीं न कहीं लिंक जरूर है? यह रोग उन्हें भी होता है जिनके किसी पूर्वज में नहीं हुआ हो पर यह रोग ज्यादातर उनमें देखा गया है जिनके पूर्वजों में यह किसी को हो चुका होता है।
भावुकता और तनाव का भी इस रोग को बढ़ाने में रोल है। जो जितना भावुक होगा उसको इस रोग को होने की सम्भावना ज्यादा होगी। अत्यधिक तनाव वाले व्यक्ति में यह रोग बहुत पाया जाता है। तनाव बहुत कारणों से हो सकता है। प्रेम में तनाव, शादी में असफलता या विलंब, परीक्षा की तैयारी, भविष्य की चिंता, घरेलू कलह आदि के कारण भी यह रोग खूब पनपता है। पर तनाव हो और वंशानुगत कोई लिंक न हो तो शायद यह रोग नहीं भी हो ? जो भी हो इस रोग से बचना है तो तनाव से मुक्त रहना होगा ही!
तनाव से मुक्ति हेतु खुद को रचनात्मक कार्यो में व्यस्त रखें। अपने में कोई हॉबी विकसित करें। गीत संगीत से खुद को जोड़े। कला में रुचि है या नृत्य आदि में तो उससे जुड़े। कविता कहानी लिखें या पढ़ें। प्रकृति से खुद को जोड़े। पौधरोपण करें। पर्यटन करें। ये सारी बातें आपको तनाव से मुक्त करेंगी। पर जरूरी है, तनाव के मूल कारण की समाप्ति। तो उस मूल कारण से भी निपटने की तैयारी जरूर करें।
सोरायसिस के रोगियों को धूप से फायदा होता है। स्किन की बीमारी में धूप की उपादेयता काफी है। देखा गया है कि विटामिन डी की कमी भी इस रोग को बढ़ाती है। तो सूरज से नाता जोड़े। नियमित धूप स्नान करें। कमसेकम आधा घण्टा हल्की धूप में बैठें। विटामिन ‘डी’ की गोली जरूर लें । साथ में विटामिन ‘के’ भी । तो बहुत ही फायदा होगा।
सोरायसिस के रोगियों को इतना जरूर ध्यान रहे कि उनकी चमड़ी में रूखापन या ड्राइनेस नहीं आये। यह आद्र रहे। तो नियमित मॉइस्चराइजर लगाने की सलाह देता हूँ। आप चाहे तो कोई भी आयुर्वेदिक क्रीम लगाए या केवल नारियल का तेल ही ! आप एलोवेरा का जेल भी लगा सकते हैं। तरल पैराफिन में नारियल तेल मिला कर भी लगा सकते हैं। बहुत जरूरी हो तो कोई क्रीम या ऑइंटमेंट लगा सकते हैं। जैसे कि टेनोवेट। पर कोशिश करें कि यह नहीं ही लगाना पड़े। स्नान में डेड सी साल्ट का भी प्रयोग करें। आश्चर्यजनक परिणाम मिलता है।
एक्सरसाइज नियमित करें। सुबह टहलना बहुत ही जरूरी है। साफ हवा में सांस लें। अनुलोम विलोम भी किया जा सकता है।
शरीर में अल्कलाइन तत्व की कमी नहीं हो इसका ख्याल रखें। अल्कलाइन चीजों का सेवन जरूर करें।
एंटीऑक्सीडेंट ,ओमेगा 3 से पूर्ण पदार्थ का सेवन करें। मछली खाना फायदेमंद है। रेड मीट न खाएं। नाईट शेड प्लांट या उत्पाद नहीं खाएं। डेयरी प्रोडक्ट भी । पर पनीर खा सकते हैं। छाछ भी यूज कर सकते हैं। चीनी कम खाएं। गुड़ ठीक है।
शरीर को डिटॉक्स करें । डिटॉक्स करने के कई तरीके हैं,उनको यूज कर शरीर के विषैले तत्व को खत्म करें।कब्ज नहीं रहना चाहिए। पेशाब को नहीं रोके। ऐसा काम करें कि खूब पसीना आये। सप्ताह में एक दिन उल्टी कर पेट साफ कर लें।
भोजन में हरी सब्जियां खूब लें। बैगन ,ओल, आलू, टमाटर,मकोय,शिमला मिर्च, हरी मिर्च कम खाएं या नहीं खाएं। ग्लूटेन युक्त पदार्थ नहीं खाएं। खीरा, ककड़ी ,तरबूज खूब खाएं।ब्रोकोली,ब्लू बेरी,हल्दी आदि लें। सेब,अमरूद आदि भी। यह भी आप खुद पता करें कि आपके शरीर की क्या प्रतिक्रिया है वह जानें। तो यह पता लगाएं कि क्या खाने से सोरायसिस उभरता है?
स्नान में ग्लिसरीन साबुन का प्रयोग करें। हल्दी ,बेसन और शहद का मिश्रण शरीर पर लगाएं। नहाने के बाद अच्छे मॉस्चराइजर का उपयोग करें ।
ये सारे डिटेल्स सोरायसिस के रोगियों के साथ बातचीत कर संग्रहित की गई है और लिखी गई है जरूरी नहीं कि जो किसी को सूट किया वह आपको भी सूट करे पर एक रास्ता तो जरूर बताती है कि हमें क्या करना चाहिए। तो इस आलेख को आधार बना कर आप अपने लिए कुछ अलग करें ताकि सोरायसिस समाप्त हो !
धन्यवाद।
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डॉ.शम्भु कुमार सिंह
23 अक्टूबर,2020
पटना
1 comment
Great Article !??
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