Home Blog चींटियों के महल

चींटियों के महल

by Dr Shambhu Kumar Singh
रांची,अप्रैल,2019

चींटियों के घर


यह चींटियों का घर है । अरे घर नहीं महल है यह ! रांची के बूटी मोड़ के निकट बी एस एन एल का कैंपस है । अधिकारियों के लिए हॉस्टल भी । क्लास वन व्यवस्था । मेस भी । मित्र जय प्रकाश जी के सौजन्य से कमरा बुक था । हॉस्टल के बगल ही मेस की व्यवस्था । साफ सुथरा कैंपस । पेडों के घने झुरमुट ! उन्हीं के बीच किस्म किस्म के जीवों के घर ।
वहीं मिला यह चींटियों का महल ! शानदार है यह । थोड़ी देर पहले ही घनघोर बारिश हुई थी । फिर भी अडिग यह महल मिला । छोटी चींटियां ऐसे विशालकाय घर भी बना सकती हैं ,विस्मित करता है । हमलोग तो बरसात में अन्नी पन्नी जोड़ के अपना बचाव करते हैं जो बरसात में टूट भी जाता है । मुझे इनका घर बहुत ही मोहित करने वाला लगा ।
मिट्टी के ये घर बहुत ही मजबूत होते हैं । बहुत ही वास्तुशिल्पी होती हैं ये चींटियां । इनके इस घर की बनाबट देखिये तो आप भी आश्चर्य में पड़ जाइयेगा । हर तरह से सुरक्षित । कई एक तल के भी होते हैं ये घर । दुश्मनों से बचाव हेतु भूलभुलैया भी । स्टोर रूम भी । क्योंकि चीटियाँ संग्रहण करने की प्रवृति रखती हैं । तो भविष्य हेतु जमा कर रसद रखे रहती हैं ।
हमें चींटियों से बहुत सीखने की जरूरत है । ये बहुत ही मिहनती होती हैं । अनुशासनप्रिय भी । बचत करना ,संग्रह करना इनका विशेष गुण है । बड़ों का आदर करती हैं । ऐसा नहीं कि वे बोलें कुछ और ये करें कुछ ? तो सीखिए इनसे । चींटियां जब गुस्साती हैं तो काटती भी बड़ी जोड़ से हैं । पत्नी की चिकोटी क्या है इसके सामने ?
आज इतना ही । अगली बार फिर किसी के घर का सैर कराता हूँ । तब तक के लिए विदा दें, नमस्कार !
??????
©डॉ.शंभु कुमार सिंह
30 जुलाई,20, पटना

Related Articles