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ए डी एम साहब का हारमोनियम

by Dr Shambhu Kumar Singh

ए डी एम साहब का हारमोनियम !

पूर्णिया की बात है । यही कोई 2009-10 की बात होगी । वहाँ तब एक ही ए डी एम हुआ करते थे । अब तो कई हैं । मेरे एक मित्रवत ए डी एम थे । कला भवन रोड में उनका आवास था । शाम में मैं उनके आवास चला जाता था । कुछ गपशप हो । फिर ए डी एम साहेब ग़ज़ल गाते थे । संगीत प्रेमी थे । बड़े ही आदर और प्यार से आग्रह कर के सुनाते थे । उनको मालूम था कि शंभु जी संगीत ,कला आदि के प्रेमी हैं तो उनकी खुशी और बढ़ जाती थी ।
अच्छा ही गाते थे । कभी कभी देर हो जाये मुझे उनकी ग़ज़ल सुनते सुनते तो घर जाते पत्नी बिरहा सुनाती थी । तब बड़ी विचित्र स्थिति बन जाती थी । रोटी बेलते मुझे ऐसे देखती थी कि लगता कि मुझे ही बेल देगी ! खैर , आइये अभी ए डी एम साहेब के ही आवास । अभी बात कहाँ खत्म हुई है । ग़ज़ल भी नहीं !
तो ए डी एम साहेब के पास एक हारमोनियम भी था । तबला भी । सुमधुर गाते थे । उन्हें श्रोता ही न मिले कारण कि कौन ए डी एम से ग़ज़ल सुनने जाता ? गेट तक तो जाता ही न था । तो ए डी एम साहब मन भर मुझे ही सुना डालते ! चाय पीता नहीं हूँ पर वे बड़े ही आग्रह से चाय भी पिलाते । इतना आग्रह कि टाल नहीं पाता !
एक दिन देखा कि उनके यहाँ हारमोनियम डबल हो गया है । एक के बदले दो है । मुझे आश्चर्य हुआ ! यह क्या , ए डी एम साहेब कंपनी खोल दिये क्या ? या पुराना हारमोनियम बच्चा दिया ?
ए डी एम साहेब ने स्पष्ट किया कि बात दूसरी है । उनके साथ ही प्रशासनिक सेवा में आये उनके एक मित्र की पोस्टिंग पूर्णिया जिला कल्याण पदाधिकारी के रूप में हो गयी है । बंगाली हैं । स्वाभाविक है कि संगीत से रुचि रखते हैं ! मैं तो अवाक ! हँसा भी ! ई तो पूरे टीम ले कर चल रहे हैं !
उस दिन शाम को ग़ज़ल के साथ मुझे रबिन्द्र संगीत का भी आनंद मिला !
ए डी एम साहेब का प्रमोशन हो गया था और वो पटना आ गए । बोले कि यह मेरा मोबाइल नंबर रखिये । पटेल नगर रोड नम्बर 8 में रहता हूँ । मरने दम तक यही नम्बर रहेगा ! पटना जब आइये , जरूर आइयेगा मिलने ! उनको याद कर रहा हूँ । फोन लगाता हूँ ।
बार बार उनको फोन लगा रहा हूँ ! फोन लग नहीं रहा !
मन उदास हो जाता है ।
भगवान करे भूपेंद्र बाबू स्वस्थ हों !
ईश्वर से यही प्रार्थना है !
??

डॉ. शंभु कुमार सिंह
पटना
5 मई ,17

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