Home Blog आज सुबह सुबह

आज सुबह सुबह

by Dr Shambhu Kumar Singh

आज सुबह सुबह

मैं अभी बेडरूम से निकल लिविंग रूम के सोफे पर लेट गया था । पत्नी सामने ही योगा में निमग्न थी । कभी दायां नाक ,कभी वायां नाक दाब अनुलोम विलोम कर रही थी । फिर भी एकदम कमांडो की तरह सजग । सब पर कड़ी नजर । पति अनुशासित है या नहीं उसका ख्याल योगा के वक़्त भी वो रखती हैं ! तो आखिर बोल ही पड़ीं , अय्यजी, क्यों लेटे हुए हैं सोफा पर ? मैं यह प्रश्न सुन घबरा गया । पहली प्रतिक्रिया तो यह हुई कि उठ सीधे बैठ गया ! पर क्यों लेटा हुआ था उसका कोई तर्कसंगत जवाब दिमाग में नहीं कौंध रहा था ? तो चुपचाप उसकी ओर देखता रहा ! अब फिर पत्नी बोली , अब तक वह भ्रामरी कर चुकी थी, सुनिये, बेड रूम से निकले तो फैन ऑफ कर दिए थे न?
मैं फिर सोचने लगा , पेडेस्टल फैन तो ऑफ कर दिया था पर सीलिंग का पता नहीं ? यही बात उनको निवेदित किया ! उस पर वो फिर बोली, आपको क्या चिंता है ,बिजली बिल कितना आएगा ? पैसा सहज आ जाता है तो कोई चिंता नहीं ,वही जब कम हो जाता है तो कैसे बैचेन हो जाते हैं ? अरे ,कब समझियेगा पैसे का महत्त्व ? इतनी उम्र हो गयी , समझदारी एकदम नहीं ? मैं एकदम अपराधी जैसा चुपचाप सुन रहा हूँ ,कौन सुबह सुबह आ बैल मुझे मार का खेल खेले? समझदारी है तभी तो चुप हूँ वह यह नादान महिला नहीं समझ रही हैं?
फिर वह बोली , आपको पेडेस्टल फैन की याद है कि ऑफ कर दिए ,सीलिंग फैन की क्यों नहीं ? यह जो रोज मुट्ठीभर अखरोट खाते हैं वह भी अब असर करना छोड़ दिया क्या ?
मैं क्या जवाब देता ,चुपचाप हूँ ! फिर बोली ,तो बैठे ही रहिएगा ,जाइये सीलिंग फैन को ऑफ कर दीजिए ,यह भी कहना पड़ता है ?
मैं चुपचाप उठता हूँ ,हारे हुए सिपाही की तरह बेडरूम की तरफ बढ़ता हूँ । पर गेट पर जाते ही मेरे चेहरे से मुर्दनी गायब हो जाती है और चेहरे पर एक नूरानी मुस्कान आ जाती है । पत्नी इस मुस्कान को भांप जाती है ,पूछती है, क्यों मुस्कुरा रहे हैं?
मैं सीना तान बोलता हूँ कि सीलिंग फैन पहले से ही ऑफ किया हुआ है । अब पत्नी थोड़ी मायूस हो जाती है , सुबह सुबह का क्वार्टरफाइनल हार चुकी हैं वो !
वो आँख बंद ॐ का उच्चारण कर रही हैं । यह उनके योगाभ्यास का अंतिम पड़ाव है । यह हम सभी को मालूम है । और आज यह भी मालूम है कि वो आलू पराठा बनाने वाली हैं । मुँह मेरा चटर पटर कर रहा है । मैं जल्द ही फ्रेश होने हेतु बाथ रूम की तरफ मुख़ातिफ होता हूँ । देखता हूँ कि वहाँ फैन भी चल रहा है और बल्ब भी जल रहा है । बल्ब सभी ऑन । इसकी सूचना तुरंत हाई कमान को देता हूँ । तो वो बोलती हैं कि आप अभी नहीं गए क्या बाथरूम ? आपकी ही आदत है ऑन छोड़ने की ?
मैं उन्हें बताता हूँ कि हे देवि, अभी तो जगते ही सोफे पर थोड़ा लेटा था वह तुम देख ही रही हो , बाथरूम कब गया ?
तो उन्हें ही याद आया कि योगाभ्यास के पूर्व वही तो बाथरूम गयी थी ,भूलवश उन्हीं से छूट गया था इन्हें ऑफ करना ! अब उनका मुँह देखना शानदार लग रहा था ,लग रहा है शादी के बाद उनकी मुँह दिखाई हो रही हैं ! मैं कुछ नहीं बोला क्योंकि मुझे आज शांति से आलू पराठा खाना है तो जो हो जाये मुझे हर हालत में शान्ति बनाये रखनी है ।
मैं चुपचाप बाथरूम के सभी स्विच को ऑफ कर दिया हूँ । पत्नी आलू पराठा बना रही हैं । मैंने उनको अनुरोध किया है कि मेरे पराठा में थोड़ा आलू ज्यादा भरें । वो ऐसा कर भी रही हैं पर कुछ बुदबुदा भी रही हैं ,अरे औरत हैं कोई मशीन नहीं , होता है कभी कभी स्विच ऑफ करना लोग भूल जाते हैं ,मैं भी भूल गयी , खुद तो कितने बार ऐसा किये हैं और मुझसे भी आज यह गलती हो गयी !
मैं अभी तक तीन पराठा खा चुका हूँ । बड़ी स्वादिष्ट बनाई है । इसके हाथ में जादू है जादू ! मैं उसे बोलता भी हूँ कि बहुत अच्छा बनाई हो । पर वह अभी भी बुदबुदा ही रही है, अब स्विच ऑफ नहीं किया तो कौन बड़ी बात हो गयी …??
मैं चुपचाप फिर सोफे पर आ गया हूँ !
बड़ी अबूझ पहेली है रे भाई ?
आप सबों को शुभ प्रभात !
आज आपके यहाँ ब्रेकफास्ट में क्या बना है?
??

©डॉ. शंभु कुमार सिंह
6 अगस्त ,20
पटना
(एकदम सच्ची घटना पर आधारित , “बुदबुदा रही है” केवल यही असत्य है!)
??

Related Articles